Saturday, February 19, 2011

'कौन करता है सबको एक समान समझने का दावा ?' यह मैंने इस कमेँट में बताया है और यह भी कि यह दावा ग़लत है लेकिन नाम नहीं लिया उन साहब का The argue

जो आदमी सबको एक समान समझना चाहे उसे सबको एक समान महत्व भी देना चाहिए । सबको एक समान समझता बहुत मुश्किल है लेकिन बहुत जरूरी भी है क्योंकि न्याय , शांति और सुख -समृद्धि की प्राप्ति इसके बिना संभव ही नहीं है ।
'सबको एक समान न समझने' के इसी अवगुण के कारण आज असोसिएशन में भागम भाग और अंदर बाहर मची हुई है ।
ब्लागवाणी मिग 16 की तरह गिरा तो इसी कारण गिरा । चिठ्ठाजगत के उड़नखटोले की चूल भी आजकल किसी बद्दुआ की वजह से हिली हुई चल रही है । ब्लाग को परिवार मानने वाले ने भी अपने हैलीकॉप्टर में अपने तो फ़सादियों को भी चढ़ा लिया और हमें शेट्टी समझकर बाहर ही छोड़ दिया । हमने भी अपने हैलीकॉप्टर तैयार किए और आज हमारे पास दो दो संकलक रूपी हैलीकॉप्टर हैं लेकिन पूर्वाग्रह देखिए कि हमारे चाहने और माँगने के बावजूद भी उन्होंने न चाहा कि वे हमसे जुड़ें ।
ऐसे छोटे काम बड़ों के तो होते नहीं ।
मैं सच कहूंगा क्योंकि काहू से बैर खत्म करने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है ।
आपकी पोस्ट और इमेज अच्छी है ।
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अमन के पैग़ाम पर एक ताजा पोस्ट आज 'न काहू से दोस्ती न काहू बैर' शीर्षक से नज़र आ रही है ,उसी पोस्ट पर आप मेरा यह कमेँट देख सकते हैं । इसी के साथ आप 'हिंदी ब्लागर्स फोरम इंटरनेशनल' के सदस्य बनें ताकि आपको पढ़ना मेरे लिए और मुझ जैसे कुछ और लोगों के लिए आसान हो जाए । इसके लिए मैं आपका शुक्रगुज़ार रहूंगा ।