Monday, January 31, 2011

हिंदू विवाह संस्कार में पति की मौत से भी पत्नी का संबंध अपने पति से नहीं टूटता Astha aur Sanskar

आप एक गृहस्थ हिंदू हैं। एक गृहस्थ हिंदू का यौन जीवन कैसा होना चाहिए ?
हिंदू धर्म में स्पष्ट है। आप ईश्वर को साक्षी मानकर कहिए कि आप गृहस्थाश्रम का शास्त्रानुसार पालन कर रहे हैं।
हिंदू धर्म में विवाह को एक संस्कार माना गया है जबकि इस्लाम में उसे एक समझौता। समझौता तलाक़ से भी ख़त्म हो जाता है और किसी एक साथी की मौत से भी जबकि हिंदू विवाह संस्कार में  पति की मौत से भी पत्नी का संबंध अपने पति से नहीं टूटता और हिंदू धर्म में तलाक़ तो है ही नहीं। अब आप बताइये कि आज अधिकतर हिंदू भाई अपने परिवार में विवाह को एक संस्कार मानते हैं या वे उसे मुसलमानों की तरह एक समझौते में बदल चुके हैं ?
अगर आपने ब्रह्मचर्य आश्रम का पालन नहीं किया है, अगर आप गृहस्थाश्रम के नियमों का पालन भी नहीं कर रहे हैं (छीछालेदर के डर से वे नियम मैं यहां पेश नहीं कर रहा हूं, आप चाहेंगे तो बता दूंगा) और 50 साल का होने के बाद वानप्रस्थ आश्रम के निर्वाह के लिए आप जंगल जाने के लिए तैयार नहीं हैं तो फिर इन आश्रमों के पालन से जी चुराने वाले आप लोग खुद हैं। आप ही वे लोग हैं जो अपनी सुविधा के मुताबिक़ अपने सिद्धांत और अपने संस्कार बदल बैठे हैं और वह भी सामूहिक रूप से। एक आदमी यदि धर्म के सिद्धांत और मान्यताएं बदले तो आप उसे धर्म परिवर्तन करने वाला ग़द्दार कहें और वही जुर्म आप करोड़ों की तादाद में मिलकर करें तो उसे आप धर्म परिवर्तन करना और अपने धर्म से ग़द्दारी करना क्यों न कहेंगे ?
हिंदू धर्म को ख़तरा हमेशा आप जैसे भितरघातियों से ही रहा है। जिन्होंने इसके नीति-नियमों के साथ हमेशा खिलवाड़ किया है और आज आप कर रहे हैं और झंडा ‘धर्म‘ का इतना ऊंचा लेकर चल रहे हैं कि दूसरों को भी सही-ग़लत का उपदेश कर रहे हैं।
बाबा पहले अपने आचरण को तो ठीक कर लीजिए।
दूसरों को ग़द्दारी का खि़ताब बेशक दीजिए लेकिन पहले अपना दामन तो पाक कर लीजिए।
किस की आस्था सही है और किसकी ग़लत, इसे बाद में तय कर लीजिएगा। पहले यह तो देख लीजिए कि अपने पल्ले आस्था है भी कि नहीं ?
आज इल्म का दौर है, तकनीक का दौर है। सच्चाई आज सबके सामने है जिसे झुठलाना आसान नहीं है।

# # # इस बात पर श्री पवन कुमार मिश्रा जी व अन्य बंधु भी ध्यान दें। डाक्टर संजय जी के बारे में आपने जानना चाहा , इसलिए मुझे मजबूरन यह कहना पड़ा, इस आशा के साथ कि 'तत्वयुक्त' होकर विचार करेंगे .

<b>दूसरों को नापने से पहले खुद को नापें।
दूसरों को जांचने से पहले खुद को जांचें।</b>
धर्म का ग़द्दार कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Hypocrite